गोलिये दर्पण का फोकस तथा फोकस दुरी
एक अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरणो को दिखाया गया है। जिस प्रकार परावर्तन के नियम समतल दर्पण के लिए लागु होते है ,उसी प्रकार वे गोलिये दर्पणों के लिए लागु होते हैं। चूँकि वक्रता-केंद्र C उस गोले का केंद्र हैं जिसका एक भाग यह दर्पण है अतः C से दर्पण के किसी बिन्दू को मिलानेवाली रेखा (चित्र में टूटी हुई रेखा से दिखाया गया है )उस दर्पण पर उस बिंदु (चित्र में B) पर अभिलम्ब होगी। आपतित किरण AB तथा इस अभिलम्ब CB के बीच (∠CBA=i) आपतन कोण होगा। परावर्तन के नियम के अनुसार ,यह आपतित किरण आपतन कोण का बराबर का परावर्तन कोण (∠CBF=r) बनती हुई BF दिशा में परावर्तित हो जाती है। इस प्रकार ,मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरणे परावर्तित होकर मुख्य अक्ष के एक ही F पर आकर मिलती है।
गोलिये दर्पण का फोकस तथा फोकस दुरी |
फोकस(Focus) -
- किसी अवतल दर्पण का फोकस उसके मुख्य अक्ष पर वह बिंदु है ,जँहा मुख्य अक्ष के समान्तर आती किरणे दर्पण परावर्तन के बाद मिलती है।
- अवतल दर्पण जैसा ही हम एक उत्तल दर्पण से मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरणों (निचे चित्र में )के परावर्तन की व्याख्या कर सकते हैं। उत्तल दर्पण से परावर्तित किरणे मुख्य अक्ष के एक बिंदु F से आती हुई प्रतीत होती है। बिंदु F को उत्तल दर्पण का फोकस कहते है।
- किसी उत्तल दर्पण का फोकस उसके मुख्य अक्ष पर वह बिंदु है जँहा से मुख्य अक्ष के समान्तर आती किरणे दर्पण से परावर्तन से परावर्तन के बाद आती हुई प्रतीत होती है।
- फोकस F से दर्पण के ध्रुव P की दुरी को दर्पण का फोकस दुरी (focal length) कहते है। ऊपर के चित्रों में PF फोकस दुरी है।
- इसे f से सूचित किया जाता है।
- गोलीय दर्पण की फोकस दूरी एवं वक्रता त्रिज्या में संबंध होता है की फोकस दुरी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है।
- अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R और फोकस दुरी f ऋणात्मक होती है।
- उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R और फोकस दुरी f धनात्मक होती है।
गोलिये दर्पण की फोकस-दुरी तथा उसकी वक्रता-त्रिज्या में सम्बन्ध
गोलिये दर्पण की फोकस-दुरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी(half ) होती है।
प्रमाण :-एक अवतल दर्पण (concave mirror) BB' है जिसका ध्रुव (pole) P है और PC मुख्य अक्ष है। AB एक आपतित किरण है जो अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष PC के समान्तर और निकट है। परिभाषा से , किरण AB दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य फोकस F से होकर गुजरती है।
चूँकि ,त्रिज्या CB दर्पण-सतह के B बिंदु पर अभिलम्ब है ,इसीलिए परावर्तन के नियम से,
∠ABC=∠CBF
किन्तु ,∠ABC=∠BCF(एकान्तर कोण के कारण )
चूँकि ∠CBF=∠BCF
फलस्वरुप ΔBCF एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
अतः ,BF =FC (समद्विबाहु त्रिभुज की भुजा होने के कारण)
यदि B, P के बहुत निकट हो,तो BF =PF(लगभग)
चूँकि BF =FC =PC /2
या f=R/2,
जहाँ PC =R(दर्पण की वक्रता-त्रिज्या )
हम देखते हैं की दर्पण चाहे अवतल हो या उत्तल,यदि आपतन बिंदु ध्रुव से बहुत दूर न हो ,तो फोकस-दुरी ,दर्पण की वक्रता-त्रिज्या की आधी होती है ,अर्थात दर्पण का फोकस इसके ध्रुव तथा वक्रता केंद्र के ठीक बीच में होता है। अतः PF =FC या PC =2PF
या f =R /2
गोलिये दर्पण की फोकस-दुरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी(half ) होती है।
प्रमाण :-एक अवतल दर्पण (concave mirror) BB' है जिसका ध्रुव (pole) P है और PC मुख्य अक्ष है। AB एक आपतित किरण है जो अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष PC के समान्तर और निकट है। परिभाषा से , किरण AB दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य फोकस F से होकर गुजरती है।
चूँकि ,त्रिज्या CB दर्पण-सतह के B बिंदु पर अभिलम्ब है ,इसीलिए परावर्तन के नियम से,
∠ABC=∠CBF
किन्तु ,∠ABC=∠BCF(एकान्तर कोण के कारण )
चूँकि ∠CBF=∠BCF
फलस्वरुप ΔBCF एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
अतः ,BF =FC (समद्विबाहु त्रिभुज की भुजा होने के कारण)
यदि B, P के बहुत निकट हो,तो BF =PF(लगभग)
चूँकि BF =FC =PC /2
या f=R/2,
जहाँ PC =R(दर्पण की वक्रता-त्रिज्या )
हम देखते हैं की दर्पण चाहे अवतल हो या उत्तल,यदि आपतन बिंदु ध्रुव से बहुत दूर न हो ,तो फोकस-दुरी ,दर्पण की वक्रता-त्रिज्या की आधी होती है ,अर्थात दर्पण का फोकस इसके ध्रुव तथा वक्रता केंद्र के ठीक बीच में होता है। अतः PF =FC या PC =2PF
या f =R /2
Q.एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेंटीमीटर है इसकी फोकस दूरी क्या होगी।
हल :-उत्तल दर्पण के लिए
दिया गया है , वक्रता त्रिज्या =20 सेंटीमीटर
तब , फोकस दुरी =वक्रता त्रिज्या /2
f = R/2
f =20/2
f =10 सेंटीमीटर
उत्तल दर्पण का फोकस दुरी =10 सेंटीमीटर
अवतल दर्पण के लिए
वक्रता त्रिज्या = -20 सेंटीमीटर
तब , फोकस दुरी =वक्रता त्रिज्या /2
f = R/2
f =-20/2
f =-10 सेंटीमीटर
अवतल दर्पण का फोकस दुरी =10 सेंटीमीटर
Q. उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 सेंटीमीटर है
हल :-उत्तल दर्पण के लिए
दिया गया है , वक्रता त्रिज्या =20 सेंटीमीटर
तब , फोकस दुरी =वक्रता त्रिज्या /2
f = R/2
f =20/2
f =10 सेंटीमीटर
उत्तल दर्पण का फोकस दुरी =10 सेंटीमीटर
अवतल दर्पण के लिए
वक्रता त्रिज्या = -20 सेंटीमीटर
तब , फोकस दुरी =वक्रता त्रिज्या /2
f = R/2
f =-20/2
f =-10 सेंटीमीटर
अवतल दर्पण का फोकस दुरी =10 सेंटीमीटर
Q. उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 सेंटीमीटर है
हल :- दिया गया है , वक्रता त्रिज्या =32सेंटीमीटर
तब , फोकस दुरी =वक्रता त्रिज्या /2
f = R/2
f =32/2
f =16 सेंटीमीटर
उत्तल दर्पण का फोकस दुरी =16 सेंटीमीटर