प्रिज्म (prism) :-
- किसी कोण पर झुके दो समतल पृष्ठों के बीच घिरे किसी पारदर्शक माध्यम को प्रिज्म कहते है।
- प्रकाश का आगमन इसके जिन दो फलको (ABB'A' तथा ACC'A')से होता है ,उन्हें अपवर्तन पृष्ठ (refracting surfaces) कहते हैं।ये दोनों पृष्ठ जिस सरल रेखा AA ' पर मिलते हैं उसे प्रिज्म का अपवर्तक कोर (refracting edge) कहते है। अपवर्तक पृष्ठों के बीच के ∠A को प्रिज्म का अपवर्तक कोण (refracting angle of the prism) या केवल प्रिज्म का कोण (angle of the prism) कहते हैं। अपवर्तक कोर के सामने वाले पृष्ठ BCC'B' को प्रिज्म का आधार (base) कहते हैं।
अपवर्तक कोर के लंबवत एक तल द्वारा प्रिज्म की काट ABC को प्रिज्म की मुख्य काट (principal section) कहते हैं। प्रायः ऐसे काँच के प्रिज्म का व्यव्हार होता है ,जिसकी मुख्य काट समबाहु त्रिभुज (equilateral triangle) होती हैं और इसीलिए प्रिज्म का अपवर्तन कोण 60° होता हैं।