लेंसों के लिए किरण-आरेख की बनावट (Beam diagram design for lenses)
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लेंसों के लिए किरण-आरेख की बनावट (Beam diagram design for lenses)

लेंस अपने सामने रखे प्रदीप (या प्रकशित) वस्तुओं के प्रतिबिम्ब (image)बनाते हैं। लेंसों द्वारा प्रतिबिम्ब निर्माण के लिए वस्तु के किसी बिंदु से कम-से-कम दो किरणें लेते हैं। लेंस से अपवर्तन के बाद ये किरणे जिस बिंदु पर मिलती हैं   (अथवा जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं) वह बिंदु ,बिंदु-स्रोत का वास्तिवक(अथवा  आभासी) प्रतिबिम्ब होता है। इस प्रकार,एक-एक बिंदु को लेकर वस्तु के पुरे प्रतिबिम्ब की रचना की जा सकती है। अब प्रश्न उठता है की किन दो किरणों को लिया जाए ?विशेष कारणों से,जिनकी व्याख्या नीचे दी जा सकती है हम निम्नलिखित में से किन्ही दो किरणों को ले सकते हैं। 
  1. प्रकाश-केंद्र की दिशा में आपतित किरण-लेंस के प्रकाश -केंद्र की दिशा में आपतित किरण लेंस से अपवर्तन  के बाद बिना विचलित हुए सीधी निकल जाती है।    
  2. मुख्य अक्ष के समान्तर किरण- उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष के समान्तर आनेवाली किरण लेंस से अपवर्तन के बाद लेंस के फोकस से होकर गुजरती है,जबकि अवतल लेंस के मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरण लेंस के फोकस से आती प्रतीत होती है।  
  3. फोकस की दिशा में आपतित किरण -जब कोई किरण लेंस के फोकस की दिशा में आपतित होती है तो वह अपवर्तन के बाद लेंस के अक्ष के समान्तर निकलती है। 

उत्तल लेंस से बने प्रतिबिम्ब 
हम किरण-आरेखों द्वारा किसी उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष पर विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तु के प्रतिबिंबो की स्थिति,आकर तथा प्रकृति जान सकते हैं। 

किरण-आरेखों में -

O-लेंस का प्रकाश केंद्र 
F1OF2 -लेंस का मुख्य अक्ष
F1 तथा F2 - लेंस के दोनों ओर के फोकस 
2 F1 तथा 2F2  - लेंस से फोकस की दुरी की दुगुनी दूरी पर के बिंदु 
AB -मुख्य अक्ष के लम्बत रखी वस्तु 
A'B'-मुख्य अक्ष के लंबवत बना वस्तु का प्रतिबिंब 
किरण संख्या 1 -प्रकाश-केंद्र की दिशा में आपतित किरण 
किरण संख्या 2 -मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरण 
किरण संख्या 3 -फोकस की दिशा में आपतित किरण 

वस्तु के किसी बिंदु A से इन तीनों विशेष किरणों में कोई दो किरण लेते हैं। लेंस से अपवर्तन के बाद ये किरणें जहाँ A' पर कटती हैं,वहाँ A का वास्तविक प्रतिबिंब बनता है,परन्तु यदि वे किसी बिंदु A' से आती हुई प्रतीत होती है तो वहाँ A का वास्तविक प्रतिबिंब बनता हैं, परन्तु यदि वे किसी बिंदु A' से आती प्रतीत होती हैं तो वहाँ A का आभासी प्रतिबिंब बनता है। 

* (a) वास्तविक किरणों तथा वस्तुओं(या प्रतिबिंब) को पूरी रेखाओं से और आभासी या काल्पनिक किरणों तथा प्रतिबिंबों को टूटी हुई रेखाओं से दर्शाया जाता है। 

(b)जब प्रकाश की कोई किरण एक लेंस से गुजरती है तो प्रकाश किरण का दो बार अपवर्तन होता है ;एक बार उस समय जब किरण लेंस में प्रवेश करती है और दूसरी बार तब जब किरण लेंस से बाहर निकलती है। सुबिधा के लिए दोनों अपवर्तनो का कुल प्रभाव लेंस के बीच में दिशा के एक परिवर्तन द्वारा निरूपित किया जाता है।

उत्तल लेंस से बने प्रतिबिम्ब  
   

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