ek avatal lens kee vakrata trijya 20 semee hai isakee phokas dooree hogee.
हल :-दिया गया है कि अवतल लेंस की वक्रता त्रिज्या(R)= - 20 सेमी
f = R /2
f =-20 सेमी /2
(क्योंकि जिधर वक्रता त्रिज्या होगा उधर हि फोकस होगा इसीलिए ➖ का चिन्ह लिए हैं और चिन्ह परिपाटी के अनुसार भी)
f =-10 सेमी
2 मीटर फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिये
दिया गया है कि ,
फोकस दूरी(f)=-2 मीटर (क्योंकि लेंस अवतल है इसीलिए ➖ का चिन्ह लिए हैं)
क्षमता(p)=1/f
P=(1/-2)
P=- 0.5 D
उत्तल लेंस की फोकस दुरी ज्ञात करना
उत्तर :-प्रकाश-केंद्र L से लेंस के फोकस F2 की दूरी LF2 को उत्तल लेंस का फोकस दुरी(focal length)कहते हैं ,और इसे संकेत f से निरूपित किया जाता है।
लेंस के लिए वस्तु-दूरी u ,प्रतिबिंब-दूरी vऔर फोकस -दूरी f के बीच के संबंध को एक सूत्र से बताया जाता है जिसे लेंस-सूत्र (lens-formula)कहते हैं। लेंस सूत्र निम्नलिखित है -
जब u ,v तथा f तीन राशियों में किन्ही दो राशियों के मान उचित चिन्ह (चिन्ह परिपाटी के अनुसार)के साथ लेंस -सूत्र ,समीकरण में रखे जाते तब सूत्र को हल करने पर तीसरी राशि का मान चिन्ह सहित ज्ञात हो जाता है।
अवतल दर्पण का प्रतिबिंब कैसा बनता है।
अवतल लेंस द्वारा किसी वस्तु का सदा आभासी प्रतिबिंब ही बनता है चाहे वस्तु कहीं रखी हो। यहाँ मुख्य अक्ष के समान्तर आनेवाली किरण अपवर्तन के बाद फोकस F2 से आती प्रतीत होती है तथा दूसरी किरण जो लेंस के प्रकाश-केंद्र की दिशा में आपतित होती है वह सीधी निकल जाती है। ये दोनों अपवर्तित किरणें A' से आती प्रतीत होती हैं। अतः ,A'वस्तु के बिंदु A का आभासी प्रतिबिंब है। इस प्रकार ,हम देख देख सकते हैं की A'B' वस्तु AB का आभासी प्रतिबिंब है। यह लेंस के उसी ओर बनता जिस ओर वस्तु होती है तथा यह आभासी ,सीधा तथा वस्तु से छोटा होता है।
इसी प्रकार के किरण-आरेख खींचकर हम देख सकते है की जैसे-जैसे वस्तु अवतल लेंस से दूर होता जाएगा ,उसका प्रतिबिंब फोकस F2 की ओर खिसकता जाएगा और हमेशा आभासी और सीधा ही रहेगा,परन्तु आकार में छोटा होता जाएगा।