मेढक में ये बड़ी तथा अंडाकार होती हैं। मेढक के प्रत्येक लाल रुधिरकणिका में एक केन्द्रक होता है। स्तनी (मनुष्य ,खरगोश आदि)में लाल रुधिरकण बाइकॉनकेव(biconcave)या उभयावतल होता है,पर इसका सतह गोलाकार होता है एवं इसमें केन्द्रक नहीं होता है। ये लाल अस्थिमज्जा में बनती हैं।
लाल रुधिरकण में एक प्रोटीन रंजक हीमोग्लोबिन (haemoglobin)होता है,जिसके कारण इन कणों का रंग लाल होता है। हीमोग्लोबिन ,एक प्रोटीन ग्लोबिन (96%) एवं एक रंजक हीम (4 -5%)से बना होता है। हीम अणु के केंद्र में लोहा (Fe)होता है,जिसमे ऑक्सीजन को बाँधने और मुक्त करने की क्षमता होती है।