भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन
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भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन

India's great mathematician Srinivasa Ramanujan
Do you know who Srinivasa Ramanujan was? Now you will say yes he was a very big mathematician but how big are most people who call him genius? Why are most people compared him to Newton? Today we will know that.
क्या आप जानते हैं की  श्रीनिवास रामानुजन कौन थे ?अब आप कहेंगे हाँ वह बहुत बड़े गणितज्ञ थे लेकिन कितने बड़े क्यों अधिकतम लोग उन्हें जीनियस बोलते हैं ?क्यों अधिकतम लोग उन्हें न्यूटन से तुलना किया जाता है ?आज हम यही जानेंगे। 

Jeffrey Hoffstein ,USA के अनुसार 
अंग्रेजी में -I was Really fascinated by the story of Ramanujan. 
मैं वास्तव में रामानुजन की कहानी से रोमांचित था।

Y Bugeaud,France के अनुसार  
अंग्रेजी में-I think very influential in analytical Number Theory.
मुझे लगता है कि श्रीनिवास रामानुजन विश्लेषणात्मक संख्या सिद्धांत में बहुत प्रभावशाली है। 

Arvind Nair,India के अनुसार  
अंग्रेजी में-Maybe, Ramanujan was very good at finding the tips of icebergs.
हो सकता है, हिमखंडों की युक्तियों को खोजने में रामानुजन बहुत अच्छे थे। 

श्रीनिवास रामानुजन 22 दिसंबर 1887 में पैदा हुए थे। उनके पिता साडी के दुकान में मुंसी का काम करते थे।जबकि उसका माता एक गृहिणी (housewife) थी। बचपन में रामानुजन बहुत ही संवेदनशील थे। उन्हें बचपन में मंदिर के प्रसाद के अलावा कुछ भी अच्छा नहीं लगता था। अगर उसे उसके मन पसंद का खाना नहीं मिलता तो वह जमीन में मिटटी में लेट जाते और तब तक नहीं मानते जब उसके बात न मानी जाए।बचपन से ही रामानुजन बहुत ही सवाल अपने माता पिता या लोगो से पूछा करता की दुनिया का पहला इंसान कौन था या यंहा से बदल कितनी दूर है बचपन जब एक शिक्षक ने कहा की एक संख्या को अगर उसी संख्या से भाग देते हो तो उसका उत्तर एक आता है उदहारण के लिए अगर आप 1000 फल को एक हजार लोगो में बाँट दो तो हर एक को एक ही फल मिलेगा रामानुजन एक दम से बोल पड़ा लेकिन ये जीरो के केस में सत्य नहीं होगा क्योंकि अगर हम जीरो को जीरो से भाग देंगे तो उत्तर एक नहीं होगा क्योंकि किसी को एक भी फल नहीं मिलेगा।रामानुजन के परिवार के पास ज्यादा पैसा नहीं था इसीलिए उन्हें दो किरायदार रखने परे वे किरायदार दो विद्यार्थी थे जो पास के स्थानीय सरकारी कॉलेज में पढ़ते थे इन दोनों ने देखा की रामानुजन को गणित में बहुत रुचिहै  इसीलिए अपने फ्री समय में रामानुजन को गणित पढ़ाते और रामानुजन बहुत कम समय उन दोनों छात्रों से गणित में बहुत अच्छे हो गए। रामानुजन उन दोनों को हमेशा पुस्तकालय से गणित के किताब को लाने को कहते।स्कूल में सब जानते थे की रामानुजन एक जीनियस है और एक बार उसके प्रधानाध्यापक ने कहा की रामानुजन एक जीनियस है और उसे मई गणित में 100 % या A+ से भी ज्यादा देना चाहता हूँ। स्कुल में रामानुजन बांकी विषय भी पढ़ लेते थे इसीलिए उसको कॉलेज के फूल छात्रवृति मिल गई लेकिन कॉलेज तक पहुँचते-पहुँचते उनका गणित में बहुत रूचि हो गया था और गणित के अलावा बांकी सभी विषय अंग्रेजी,संस्कृत विज्ञान में फेल हो जाते कॉलेज में भी सब जानते थे की रामानुजन गणित में सबसे अच्छे हैं क्योंकि गणित के तीन घंटे के पेपर को वह तीस मिनट में वह पूरा कर लेते थे और जिन प्रश्न को प्रोफेसर बारह से पंद्रह स्टेप में करते थे रामानुजन उन्ही सवालो को तीन स्टेप में पूरा कर लेते थे। लेकि उन सब के बावजूद रामानुजन की छात्रवृति रद्द कर दी गई और उन्हें कॉलेज छोड़ना पड़ा क्योंकि वह बाँकी विषय में पास ही नहीं हो पाते थे वो टूशन भी नहीं ले रहे थे क्योंकि वह गणित किताबों के बने सवालों के तरीके पसंद नहीं थे। ये सब देख के रामानुजन की मान बहुत परेशान हो गई उन्हें लगा शादी के बाद रामानुजन अपनी जिम्मेदारी को समझ जाएंगे इसीलिए उनकी शादी जानकी से करवा दी उस वक्त जानकी की आयु सिर्फ 10 वर्ष थे।  
Comming soon...... 




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