हल:- दिया गया है कि
अर्धगोले का व्यास =14 cm
तब अर्धगोले का त्रिज्या=14/2=7cm
तो अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2πr^2
=2×(22/7)×(7)^2
=2×22×7×7/7( उपर में दो सात है और नीचे में एक सात तो उपर एक सात नीचे के एक सात से कट जायेगा)
=2×22×7
=308 cm^2
अब इसके बाद बर्तन (पात्र) की कुल ऊँचाई= 13 cm
(बर्तन मलतब खोखले अर्धगोले पर खोखला बेलन अध्याारोपित है)
तब बेलन की ऊँचाई= 13-7=6
अब बेलन के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2πrh
=2×(22/7)×7×6
=2×22×7×6/7
=2×22×6
=264 cm^2
बर्तन का आंतरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल =अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल+बेलन के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
=308 cm^2+264 cm^2
=572 cm^2