हल:- समान्तर चतुर्भुज के आमने-सामने के एक जोड़ा कोण न्यूनकोण और दूसरा जोड़ा अधिकोण होता है। साथ-ही-साथ सम्मुख कोण समान होते हैं।
∴ एक न्यूनकोण =130°/2 =65°
Q. समांतर चतुर्भुज ABCD का विकर्ण AC कोण A को समद्विभाजित करता है (देखिए आकृति)।
(i) यह ㄥC को समद्विभाजित करता है।
(ii) ABCD एक समचतुर्भुज है।
हल :- दिया है कि एक समांतर ABCD जिसका कर्ण AC,ㄥA को समद्विभाजित करता है।
सिद्ध करना है कि कर्ण AC,ㄥA को समद्विभाजित करता है।
प्रमाण : (i) AD॥ BC ,
∴ ㄥDAC = ㄥACB (एकान्तर कोण )
फिर चूँकि AB॥ DC ,
∴ ㄥCAB = ㄥACD [एकान्तर कोण]
लेकिन ㄥDAC=ㄥCAB,
चूँकि AC,ㄥA को समद्विभाजित करता है।
इसीलिए समीकरण (i) और (ii) से,
ㄥACB =ㄥACD,
अतः कर्ण AC,ㄥC को भी समद्विभाजित करता है।
(ii) ㄥA =ㄥC
∵ समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
∴ (1/2)ㄥA=(1/2)ㄥC
अर्थात ㄥDAC=ㄥDCA
अब ∆ ADC में ,
ㄥDAC=ㄥDCA
AD=DC (समान कोण के सामने की भुजा बराबर होती है)
फिर ∆ABC और ∆ADC में,
ㄥCAB =ㄥACD (एकान्तर कोण क्योंकि AB॥CD)
ㄥACB =ㄥCAD (एकान्तर कोण क्योंकि BC॥ AD)
AC=AC (उभयनिष्ठ भुजा)
∴ ∆ABC≌ ∆CDA (ASA सर्वांसमता नियम के अनुसार)
AB=CD तथा BC=AD ........ (ii)
इसीलिए समीकरण (i) और (ii) से,
AB=CD =AD =BC
अतः AB=BC =CD =AD
∴ ABCD एक समचतुर्भुज है।