पोषण एवं अन्य जैव प्रक्रमों (life process) को समझने के लिए यह आवश्यक है कि हम पहले सजीव(living) एवं निर्जीव (non living) के बीच के अंतरों को जानें। हम अपने चारों ओर अगर गौर से देखें तो हमें विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ,जैसे आकाश,पहाड़,पौधे,जानवर,मकान,जमीन,चिड़ियाँ, कीड़े-मकोड़े आदि दिखाई पड़ेंगे। इनमें से कुछ,जैसे आकाश,पहाड़,मकान एवं जमीन निर्जीव है जबकि पौधे,जानवर,चिड़ियाँ एवं कीड़े-मकोड़े सजीव है। सभी जीवधारियों में जीवन की एक निश्चित व्यवस्था रहती है जिससे जीवन-संबंधी विभिन्न कार्यों का संपादन होता है। जीवों में संपन्न होनेवाली इन जैविक प्रक्रियाओं (biological processes) से चलता है कि वे सजीव हैं। उदहारण के तौर पर उड़ती हुई चिड़ियाँ,दौड़ते हुए जानवर या सोए हुए जीवों के श्वसन से शरीर में होनेवाली गतियाँ आदि के अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि ये सजीव प्राणी हैं। पौधे भी समय के साथ-साथ एक छोटे बीज से बड़े वृक्ष में परिणत हो जाते है। इस प्रकार,जीवों में विभिन्न प्रकार की गतियाँ दिखाई पड़ती हैं,लेकिन बहुत से ऐसे जीव भी होते हैं जिनमे वृद्धि,श्वसन आदि से संबंधित गतियाँ परिलक्षित नहीं होती हैं। जीवों में पाई जानेवाली गतियाँ वस्तुतः आणविक(molecular) स्तर पर होती हैं जो दिखाई नहीं देती हैं। इसके अभाव में ही विषाणु या वाइरस(virus) को सजीव वर्ग में तब तक नहीं रखा जाता है जब तक ये किसी जीवित कोशिका को संक्रमित कर आणविक गति की आवश्यकता होती है।
जैव प्रक्रम :पोषण
August 02, 2022
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जैव प्रक्रम : पोषण क्लास 10th Notes
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Nice 👍
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