10 वीं कक्षा के जीव के लिए पोषण क्यों आवश्यक है?
उत्तर- जैविक प्रक्रियाओं के संचालन,वृद्धि,टूट-फुट को रोकने आदि कार्यों के लिए जीवों को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा प्राप्त करने के लिए खाद्य-पदार्थों की जरुरत होती है जो पोषण की क्रिया से जीव प्राप्त करते है। अतः इसीलिए जीवों के लिए पोषण अनिवार्य है।
पोषण की परिभाषा लिखें।
उत्तर - वह विधि जिससे जीव पोषक तत्त्वों को ग्रहण कर उनका उपयोग करते हैं , पोषण कहलाता है।
स्वपोषण में किन-किन परिस्थितियों का होना आवश्यक है ? इसके उपोत्पाद क्या है?
उत्तर -स्वपोषण में
- सूर्य के प्रकाश
- क्लोरोफिल की उपस्थिति में कार्बन डाईऑक्साइड (CO2)
- जल (H2O)
इन्हीं सब परिस्थियों का होना आवश्यक है तथा ऑक्सीजन इसके उपोत्पाद है।
परपोषण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -परपोषण वह प्रक्रिया है जिसमें जीव अपना भोजन स्वंय संश्लेषित न कर किसी-न-किसी रूप में अन्य स्रोतों से प्राप्त करते हैं।
मृतजीवी पोषण किसे कहते हैं?
उत्तर -इस प्रकार के पोषण में जीव मृत जंतुओं और पौधों के शरीर से अपना भोजन,अपने शरीर की सतह से,घुलित कार्बनिक पदार्थों के रूप में अवशोषित करते हैं। वैसे जीव जो अपना भोजन मृतजीवी पोषण के द्वारा प्राप्त करते हैं,मृतजीवी या साइप्रोफट्स (saprophytes) कहलाते हैं।
परजीवी पोषण क्या है ?
इस प्रकार के पोषण में जीव दूसरे प्राणी के संपर्क में,स्थायी या अस्थायी रूप से रहकर,उससे अपना भोजन प्राप्त करते हैं। ऐसे जीवों का भोजन अन्य प्राणी के शरीर मृ मौजूद कार्बनिक पदार्थ होता है। इस प्रकार,भोजन करनेवाले जीव परजीवी कहलाते हैं।
प्राणिसमपोषी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर -वैसे पोषण जिसमें प्राणी अपना भोजन ठोस या तरल के रूप में जंतुओं के भोजन ग्रहण की विधि द्वारा करने की विधि द्वारा ग्रहण करते हैं,प्राणिसम पोषण कहलाता है। उदहारण -अमीबा ,मेढ़क,मनुष्य आदि में पाया जाता है।
प्रकाशसंश्लेषण से आप क्या समझते है ?
सूर्य की ऊर्जा की सहायता से प्रकाशसंश्लेषण में सरल अकार्बनिक अणु कार्बन-डाईऑक्साइड और जल का पादप-कोशिकाओं में स्थिरीकरण कार्बनिक अणु ग्लूकोज में होता है।
पत्तियों को प्रकाशसंश्लेषी अंग क्यों कहा जाता है ?
क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल वर्णक पाए जाते हैं।चूँकि ये अधिकांशतः पौधों पत्तियों में जाते हैं,इसीलिए पत्तियों को प्रकाशसंश्लेषी अंग कहते है एवं हरितलवकों को प्रकाशसंश्लेषी अंगक कहते हैं।
भोजन के पाचन से आप क्या समझते हैं ?
मनुष्य तथा सभी उच्च श्रेणी के जंतुओं में भोजन के पाचन केक लिए विशेष अंग होते हैं जो आहारनाल कहलाते हैं। आहारनाल से संबद्ध कुछ पाचक ग्रंथियाँ होती हैं जो पाचन के लिए पाचक रस स्रावित करती हैं जिससे भोजन का पाचन होता है।