प्रकृति की गोद में सुशोभित लक्ष्मीनारायण जनता हाई स्कूल लौकहा का मैं छात्र हूं। यूं तो इस विद्यालय के सभी शिक्षक अच्छे हैं परंतु श्री रामबाबू के लिए मेरे दिल में कुछ अलग ही जगह है। उनका गोरा सलोने गात और भाभी चेहरा प्राचीन काल में ऋषि मुनियों की याद दिलाता है। उनमें कुछ ऐसा करसन है कि मैं जिस दिन से उनके संपर्क में आया हूं उसी दिन से उनकी दासता स्वीकार कर ली। उनकी वाणी में गजब की मिठास है। लंबे कद काठी के श्री राम बाबू बड़े ही कर्मठ और परिश्रमी शिक्षक हैं। गणितीय ज्ञान देने में प्रवीण है। बारिश के बारे प्रश्नों को भी चुटकी बजाते हल कर देते हैं। अपने विषय में इतनी सरलता से पर आते हैं कि सदा उसे सदन छात्र भी सारी बातों को आत्मसात कर लेता है। एक बार जो पाठ वह पधार हैं वह पाठ छात्र जीवन भर नहीं भूलते। यही कारण है कि उनके छात्र आज बड़े बड़े ओहदे पर सुशोभित है। दो संतानों के पिता श्री राम बाबू का सिद्धांत है सदा जीवन उच्च विचार । साधारण कपड़ों में भी खूब सुंदर लगते हैं। वह समदर्शी हैं। उनके सामान मिलनसार से जल्द शायद ही कहीं मिलेंगे। उनका सनी वर्शन व्यापक और निष्पक्ष होता है। सबसे बड़ी विशेषता है तो यह है कि चाहे खेल का मैदान हो या विस्तृत राजपथ चाहे संकीर्ण के गलियारे हो या पगडंडियों अथवा अध्ययन कक्ष सर्वता हुए एक सा दिखाई पड़ते हैं। चेहरे पर गजब की मस्तानी के लिए रामबाबू सब के कंठ हार हैं। इस बार सर्वश्रेष्ठ तक का सम्मान उन्हें ही दिया जाएगा। इनकी दिनचर्या हमारे लिए आदर्श हैं। उनकी एक एक बात हमारे लिए पियूष बूंद है। उनके चारित्रिक प्रवृत्ति हमारा मजहब है। उनका प्रसंता हमारी कामना है। सचमुच श्री राम बाबू शादी की और सद्भाव के साक्षात अवतार हैं। मैं अपने आदर्श शिक्षक को शत-शत नमन करता हूं और ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूं कि इनकी उम्र लंबी हो हमारे विद्यालय को ऐसे शिक्षा पर नाज है।