पायरूवेट के विखंडन के पथ निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं।
(क) पायरूवेट ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में इथेनॉल एवं कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। यह क्रिया किण्वन कहलाती है जो यीस्ट में होता है।
(ख) ऑक्सीजन के अभाव में हमारी पेशियों में पायरूवेट से लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है। हमारी पेशी कोशिकाओं में अधिक मात्रा में लैक्टिक अम्ल के संचय से दर्द होने लगता है। बहुत ज्यादा चलने या दौड़ने के बाद हमारी मांसपेशियों में इसी कारण का तकलीफ होती है।
(ग) ऑक्सीजन की उपस्थिति में पायरूवेट का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है एवं कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल का निर्माण होता है। चुकी यह क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है अतः इसे वायवीय श्वसन करते हैं।