आनुवंशिकता से आप क्या समझते हैं? इसके जन्मदाता कौन थे? इसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:- जनको से उनके संतानों में पीढ़ी दर पीढ़ी युग्मकों के माध्यम से पैतृक गुणों का संचरण अनुवांशिकता कहलाता है।
प्रत्येक जीव में बहुत ऐसे गुण होते हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी माता-पिता अर्थात जनकों से उनकी संतानों में संचरित होते रहते हैं। ऐसे गुणों को अनुवांशिकी गुण पैतृक गुण कहते हैं। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जीवों के मूल गुणों का संचरण अनुवांशिकता कहलाता है।
ग्रेगर जॉन मेंडल(1822-84) ऑस्ट्रिया देश के ब्रुन नामक स्थान में ईसाइयों के एकमत में पादरी थे। इन्होंने वैज्ञानिक खोजों से आधुनिक आनुवंशिकी की नींव डाली। इसीलिए उन्हें आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है।
विभिन्नता
एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में मूल गुणों का संचरण जीवो का विशेष लक्षण है। इस गुण के कारण एक जीव अपने ही जैसे दूसरे जीव का जन्म देता है।जैसे एक जनक मेंढक की अगली पीढ़ी मेंढक ही होता है। मटर के बीज से मटर का पौधा ही उत्पन्न होता है।इसी प्रकार मनुष्यों में भी माता-पिता से उत्पन्न हुई सभी संतान उनके जैसे(अर्थात मनुष्य) ही होते हैं। इसके बावजूद एक माता-पिता से उत्पन्न सभी संतानों के गुणों का अवलोकन करने में करने पर हम उनमें अंतर पाते हैं। यही अंतर विभिन्नता कहलाता है।
आनुवंशकी या जेनेटिक्स(genetics)
अनुवांशिकता एवं विभिनता का अध्ययन जीव विज्ञान की एक विशेष शाखा के अंतर्गत होता है जो आनुवंशकी या जेनेटिक्स कहलाता है।