एककोशकीय जीवों में मुकुलन

Er Chandra Bhushan
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 एक कोशिकीय जीव जैसी ईस्ट में सर्वप्रथम शरीर या कोशिका के ऊपर किसी भाग से एक या एक से ज्यादा कंदुरुपी उभार निकलता है। इस उभार को मुकुल या बड कहते हैं। यह कोशिकीय या बहु कोशिकीय भी हो सकते हैं। इसके साथ केंद्रक विभाजित होकर दो केंद्रकों का निर्माण करता है जिनमें से एक केंद्रक मुकुल में पहुंच जाता है। केंद्रकयुक्त मुकुल जनक के शरीर से विलग होकर नए जीव का निर्माण करता है। यह अपने में परिपूर्ण होता है तथा बिल्कुल स्वतंत्र होकर जीवन यापन करता है।

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