पृथ्वी पर वर्तमान जटिल प्राणियों का विकास प्रारंभ में पाए जाने वाले सरल प्राणियों में परिस्थिति और वातावरण के अनुसार होने वाले परिवर्तनों के कारण हुआ। सजीव जगत में होने वाले इस परिवर्तन को जाए विकास कहते हैं।
विकास या इवोल्यूशन शब्द का शाब्दिक अर्थ लिफ्ट हुई वस्तु को खोलकर उसमें समय-समय पर हुए परिवर्तन को दर्शाना है।
अतः जैव विकास जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसमें जीवों की उत्पत्ति तथा उसके पूर्वजों का इतिहास तथा उनमें समय-समय पर हुए कर्मिक परिवर्तन का अध्ययन किया जाता है।
फ्रांसीसी प्रकृति वैज्ञानिक लामार्क ने सबसे पहले 1809 में जैव विकास के अपने विचारों को अपनी पुस्तक फिलॉफिक जुलौजिक में प्रकाशित किया। इसे लामार्कवाद या उपार्जित लक्षणों का वंशागति सिद्धांत कहते हैं। लमार्क के अनुसार जीवों की संरचना,कायिक, उनके व्यवहार पर वातावरण के परिवर्तन का सीधा प्रभाव पड़ता है।