मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार

Er Chandra Bhushan
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कक्षा-10 विज्ञान अध्याय 11

 1. नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर :- वस्तु दूर रहे या निकट,हम उसे साफ-साफ देखतें हैं। आँख ऐसा अपने लेंस की फोकस-दूरी को बदलकर करता है। यह परिवर्तन सिलियरी पेशियों के तनाव के घटने-बढ़ने से होता है। आँख के इस सामर्थ्य को समंजन-क्षमता (power of accommodation) कहते है,जिसकी एक सीमा होती है। सामान्य आँख अनंत दूरी से 25 cm तक की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है। 

2. निकट दृष्टिदोष का कोई व्यक्ति 1.2 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त संशोधक लेंस किस प्रकार का होना चाहिए ?

उत्तर:- यह स्थिति वैसा ही है जैसा कि नीचे के चित्र में दिखाया गया है। 

मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार

दिया गया है कि व्यक्ति 1.2 m तक की दूरी को स्पष्ट रूप से देख सकता हैं,अर्थात उसके लिए दूर-बिंदु F की नेत्र से दूरी 1.2 m है। बहुत दूर (अनंत) की वस्तु को  स्पष्ट देखने के लिए यह आवश्यकता है कि उसने उस वस्तु से आती समांतर किरणे अवतल लेंस से होकर नेत्र को F से आती हुई प्रतीत होनी चाहिए अतः या वस्तु वस्तु दूरी 

u = -∞ m  और प्रतिबिंब-दूरी v = -1.2 m.

यदि लेंस की फोकस-दूरी f हो,तो लेंस-सूत्र से, 

(1/v)-(1/u)=1/f 

या (1/f )=(1/-1.2 m)-(1/ -∞ m)=1/-1.2 m

ऋणात्मक चिन्ह से स्पष्ट है कि लेंस अवतल है। यदि लेंस की क्षमता P  हो, तो 

P =1/f 

=1/ -1.2 m

=-0.833 D 

अतः,उस व्यक्ति को अवतल लेंस की आवश्यकता है जिसकी क्षमता 0.833 D है। 

3. मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु तथा निकट बिंदु नेत्र से कितनी दूरी पर होते है ?

उत्तर:- सामान्य नेत्र के लिए दूर-बिंदु अनंत पर होता है तथा सामान्य नेत्र के लिए निकट-बिंदु लगभग 25 cm पर होता है। 

4. अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट्ट पढ़ने में कठिनाई होती है। यह विद्यार्थी किस दृष्टि दोष से पीड़ित है ? इसे किस प्रकार संसोधित किया जा सकता है ?

उत्तर :- comming soon 

अभ्यास 

1. मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करके विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है। ऐसा हो पाने का कारण है -

(a) जरा-दूरदृष्टिता 

(b) समंजन 

(c) निकट-दृष्टि 

(d) दीर्घ-दृष्टि 

उत्तर :- (b) समंजन 


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