मेंडल के आनुवंशिकता के नियम
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मेंडल के आनुवंशिकता के नियम

ग्रेगर जॉन मेंडल (Gregor johann Mendael ,1882-84) ऑस्ट्रिया देश के ब्रुन(Brunn) नामक स्थान में ईसाईयों के एक मठ पादरी थे। इन्होंने अपने वैज्ञानिक खोजों से आधुनिक आनुवंशिकी की नींव डाली। इसीलिए, उन्हें आनुवंशिकी का पिता (father of genetics) कहा जाता है। 

मटर के पौधों पर किए गए अपने प्रयोगों के निष्कषों को उन्होंने 1866 में Annual Proceddings of the Naturtal History society of Brunn में प्रकाशित किया। परन्तु,विज्ञानं जगत में 34 वर्षों तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके मृत्यु के पश्चात 1900 में इनके प्रयोगों के निष्कर्ष को वैज्ञानिकों द्वारा मान्यता मिली। 

Q. कोशिका में जीन कहाँ अवस्थित होते हैं ?

Q. आनुवंशिकी का पिता कौन कहलाता है ?

उत्तर :-  आनुवंशिकी का पिता ग्रेगर जॉन मेंडल कहलाता है।

Q. मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए किस पौधे का चयन किया ? उसका वैज्ञानिक नाम क्या है ?

उत्तर :- मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए साधारण मटर के पौधे का चयन किया तथा साधारण मटर का वैज्ञानिक नाम है

पाइसम सैटिवम(pisum sativum) । 

Q. मेंडल के प्रयोग एकसंकर संकरण से प्राप्त जीनप्ररूपी अनुपात कितना हैं ?

उत्तर:- मेंडल के प्रयोग एकसंकर संकरण से प्राप्त जीनप्ररूपी अनुपात 1:2:1 है। 

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