जब वस्तु को वक्रता केंद्र पर उत्तल दर्पण के सामने रखा जाता है तब वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब लेंस के दूसरे वक्रता केंद्र पर ही बनता है।
अर्थात,
2F1 पर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब-
जब वस्तु 2F1 पर हो, उसका वास्तविक प्रतिबिंब 2F2 पर बनता है। यह उलटा और आकार में वस्तु के बराबर होता है ।