हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है।इसका क्या अभिप्राय है।
हल:- हीरे का अपवर्तनांक = वायु/निर्वात में प्रकाश की चाल/हीरे में प्रकाश की चाल
2.42=c/v
⇒c=2.42v
अतः हीरे का अपवर्तनांक 2.42 से यही अभिप्राय है कि वायु/निर्वात में प्रकाश की चाल, हीरे में प्रकाश की चाल की 2.42 गुना अधिक है।