National Doctor's Day 2023: तारीख , महत्त्व और इतिहास

Er Chandra Bhushan
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भारत में  हर साल एक जुलाई को भारत रत्न से सम्मानित डॉ. बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि देने के लिए डॉक्टर दिवस मनाया जाता हैं। 

National Doctor's Day 2023: तारीख , महत्त्व  और  इतिहास 

हर साल एक जुलाई को भारत रत्न सम्मानित डॉ. बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। जो न केवल एक प्रसिद्ध डॉक्टर थे बल्कि एक प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ ,एक स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षा के बहुत बरे समर्थक भी थे। जबकि सैनिक सीमाओं की रक्षा करते हैं, डॉक्टरों को सैनिक ही मन जाता है जो बिमारियों से लरते हैं और अनगिनित व्यक्तियों की जान बचाते हैं। वे हमारे समाज में एक महत्त्व पूर्ण भूमिका निभाते हैं और निस्वार्थ समर्पण को स्वीकार करना और उनके बलिदानों के सम्मान में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस को मनाना बहुत ही महत्वपूर्ण  है।  

राष्ट्रीय डॉक्टर  दिवस का इतिहास

भारत में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की शुरुवात एक जुलाई 1991 को डॉ. बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि के रूप में किया गया था। जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र  में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। यह तिथि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनकी जन्म और मृत्यु वर्षगाँठ दोनों के साथ मेल कहती है।

डॉ. बिधान चंद्र रॉय (एक जुलाई 1882 से एक जुलाई 1962) एक प्रसिद्ध चिकित्सक,शिक्षक,स्वतंत्रता सेनानी,सामाजिक कार्यकर्त्ता और राज्यनीतिज्ञ  थे। उन्होने चौदह वर्षों 1948 से 1962 की प्रभावशाली अवधि तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हुए डॉ. बिधान चंद्र रॉय को चार फरवरी 1961 को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रतिष्ठित भारत रत्न से सम्मानित किया गया।  

 अपने पूरे जीवन में उन्होंने खुद को लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। कई लोगों का इलाज किया और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। विशेष रूप से वे महात्मा गाँधी के निजी चिकित्स्क भी थे। उनकी विरासत के सम्मान में बी.सी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना 1976 में स्वास्थ्य विज्ञान,सार्वजानिक मामलों,दर्शन ,कला और साहित्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए किया गया था। 

Dr. B.C. Roy की जीवनी

1 जुलाई, 1882 को पटना, बिहार में जन्मे डॉ. बी.सी. रॉय ने कलकत्ता में मेडिकल की डिग्री प्राप्त करके अपनी चिकित्सा यात्रा शुरू की। उसके बाद लंदन में MRCP  और FRCS की डिग्री प्राप्त की। 1911 में उन्होंने भारत में एक अभ्यास चिकित्सक के रूप में अपने चिकित्सा क्षेत्र की शुरुआत की। वह कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, कैंपबेल मेडिकल स्कूल और कारमाइकल मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थानों में शिक्षण पदों पर रहे।

एक जुलाई 1882 को पटना,बिहार में जन्मे डॉ. बिधान चंद्र रॉय ने कलकत्ता में चिकत्सा की डिग्री प्राप्त करके अपनी चिकित्सा यात्रा शरू किया। उसके बाद लंदन में MRCP और FRCS की डिग्री प्राप्त किया। 1911 में उन्होंने भारत में एक चिकित्सा स्कूल के रूप में अपने चिकत्सा करियर प्रारम्भ किया।

1 जुलाई 1962 को डॉ. रॉय का निधन हो गया और 1991 से इस तारीख को देशभर में Doctor's Day के रूप में मान्यता दी गई। 
डॉ. बिधान चंद्र रॉय एक प्रसिद्ध चिकित्सक, शिक्षक थे और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान खुद को महात्मा गांधी के साथ जोड़ लिया और बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर रैंक पर चढ़ गए। अंततः पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

हम उम्मीद करते हैं कि आपलोग को  यह जानकारी बहुत अच्छा लगा होगा तो आप इसी तरह से मेरे साथ जुड़े रहियेगा धन्यवाद।

 चिकित्सा दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

उत्तर:- 1 July को डॉक्टर बिधान चंद्र की याद में मनाया जाता हैं। 


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