1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है ?
हल : किसी चालक तार का प्रतिरोध निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है -
1. तार की लंबाई पर - किसी तार का प्रतिरोध R उसकी लंबाई l के समानुपाती होता है। अर्थात,
R∝ l
अतः, तार की लंबाई जितनी अधिक होगी उसका प्रतिरोध उतना ही अधिक होगा।
2. तार की मोटाई - किसी तार का प्रतिरोध R उसके अनुप्रस्थ के क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाती (inversely proportional) होता है। अर्थात,
R∝1/A
अतः, तार जितना ही मोटा होगा उसका प्रतिरोध उतना ही कम होगा,तथा तार जितना ही पतला होगा उसका प्रतिरोध उतना ही अधिक होगा।
3. चालक के पदार्थ पर - यदि विभिन्न पदार्थों तार समान लंबाई और समान मोटाई के हों,तो उनके प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होंगें।
4. चालक के ताप पर- ताप बढ़ने से चालक का प्रतिरोध बढ़ता है।
इस प्रकार, यदि किसी तार की लंबाई l हो तथा अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल A हो, तो उपर्युक्त कथनों के अनुसार किसी तार का प्रतिरोध
R∝ l/A
या R =ρ(l/A)
जहाँ, ρ(रो,rho) दिए गए ताप पर ताप के पदार्थ के लिए नियतांक(स्थिरांक) है। इसे चालक तार के पदार्थ की प्रतिरोधकता कहते हैं।
2. समान पदार्थ के दो तारों में दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें सामान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है ? क्यों ?
हल :- चूँकि किसी तार का प्रतिरोध तार के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अतः समान पदार्थ के दो तारों में दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो मोटा तार से विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी क्योंकि मोटा तार अनुप्रस्थ के क्षेत्रफल ज्यादा है और पतला तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल कम और हम जानते हैं कि किसी तार का अनुप्रस्थ के क्षेत्रफल जितना ज्यादा होगा उसका प्रतिरोध उतना ही कम होगा।
3. मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा का देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा ?
हल:- हाँ ,किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा का देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है।
चूँकि किसी विद्युत अवयव का विद्युत धारा उस अवयव के दोनों सिरों के बीच के विभवांतर के अनुक्रमानुपाती होता है इसीलिए विद्युत धारा आधा हो जायेगा।
4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाये जाते हैं ?
हल :- चूँकि मिश्रधातुओं का प्रतिरोधकता उनकी अवयवी धातुओं के अपेक्षा बहुत अधिक होती है। यही कारण है है कि मिश्रधातुओं का उपयोग विद्युत इस्तरी,टोस्टर आदि सामान्य वैद्युत तापन युक्तियों के निर्माण में किया जाता है।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए गए आकड़ों के आधार पर दीजिए :
(a) आयरन(Fe) तथा मर्करी(Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है ?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है ?
हल :- (a) आयरन(Fe) तथा मर्करी(Hg) में आयरन(Fe) अच्छा विद्युत चालक है क्योंकि आयरन का प्रतिरोध 10.0×10^-8 तथा मर्करी का प्रतिरोध 94.0×10^-8 होता है। चूँकि हम जानते हैं कि जिस पदार्थ का प्रतिरोध जितना कम होता है उसका चालकता उतना ही अधिक होता है यहाँ आयरन और मर्करी में आयरन का प्रतिरोध कम है इसीलिए आयरन विद्युत का अच्छा चालक है।
(b) सबसे सर्वश्रेष्ठ चालक सिल्वर है।