उत्तर:– इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा माइटोकॉॉण्ड्या की संरचना की विस्तृत जानकारी के अनुसार - यह दोहरी झिल्ली से घिरी गोलाकार रचना है, जिसके बीच में एक गुहा होती है। इस गुहा में प्रोटीनीसीयस जेलयुक्त मैट्रिक्स भरी होती है। इस मैट्रिक्स में कोशिकीय श्वसन के विभिन्न एंजाइम, वृत्ताकार DNA एवं राइबोसोम होता है। इसकी भीतरी झिल्ली से अनेक प्रवर्द्ध क्रिस्टी के रूप में मैट्रिक्स में लटके रहते हैं, जिनपर अनेक कणनुमा ऑक्सीजोम पाए जाते हैं। ये ATP बनानेवाली रासायनिक क्रियाओं के लिए एक बड़े क्षेत्र का निर्माण करते हैं। इन ATP अणुओं को 'ऊर्जा का सिक्का' कहा जाता है, क्योंकि इन अणुओं में रासायनिक ऊर्जा बंधों में संचित रहती है। कोशिकीय उपापचय में यह ATP अणु टूटकर ऊर्जा विमुक्त करते हैं।