हमें ज्ञात है कि एक ही प्रजाति के सभी प्राणि आपस में एकसमान होते हैं तथा वह आपस में प्रजनन कर अपने जैसे संतान उत्पन्न करते हैं। फिर भी,एक प्रजाति के प्राणियों में कुछ महत्वपूर्ण असमानता या विभिन्नता अवश्य होती है।वंशागत होने वाली ऐसी विभिन्नताएँ एक पीढ़ी से दूसरी विधि में स्थानांतरित होती रहती है।ऐसी विभिन्नताएं अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह प्रजाति विशेष के गुणों में परिवर्तन लाती है जिससे लघु पैमाने पर नई उपप्रजाति का विकास संभव होता है। इस तरह से एक नई उपप्रजाती का विकास होना सूक्ष्मविकास कहलाता है।