उत्तर:- इसके अंतर्गत शल्य क्रिया द्वारा शुक्रवाहिका को काटकर धागे से बाँध दिया जाता है जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु के प्रभाव स्त्री की योनि में नहीं हो पता है।
उत्तर:- इसके अंतर्गत शल्य क्रिया द्वारा शुक्रवाहिका को काटकर धागे से बाँध दिया जाता है जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु के प्रभाव स्त्री की योनि में नहीं हो पता है।