उत्तर: उनकी मुख्य शाखाओ में रक्त प्रवाह का दबाव रक्तचाप कहलाता है। रक्त पर दबाव नीलय के संकुचन से होती है इसे सिस्टोलॉजिक प्रेशर कहते हैं। यह 120MM होता है। इसी तरह नीलय के प्रसारण से जो दबाव उत्पन्न होता है उसे डायस्तोलिक प्रेशर कहते हैं। जो 80MM होता है।