उत्तर-प्राकृतिक उर्वरक में किसानों को इसके परिवहन और भण्डारण में कठिनाई होती है। साथ ही इसमें विशिष्ट पादप पोषकों की काफी कमी होती है। जिन फसलों में नाइट्रोजन, पोटाश, फॉस्फोरस आदि की आवश्यकता होती है। जैसे-गेहूँ, धान आदि उनमें प्राकृतिक खाद बहुत लाभप्रद नहीं होता, अतः रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करना पड़ता है जो खास पोषक तत्व प्रदान करने वाले होते हैं। अतः रासायनिक उर्वरक का उपयोग प्राकृतिक उर्वरक की तुलना में आसान होता है।