1. 👉 चल का प्रदूषण कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक के उपयोग से होता है वर्षा जल इन रसायनों को अपने में घुलाकर समीप में स्थित झील, तालाबों या नदियों में पहुंचा देता है जिससे इनका जल भी प्रदूषित हो जाता है
रासायनिक उर्वरक में मुख्य रूप से यूरिया अमोनियम सल्फेट आदि का प्रयोग होता है जल में नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा बढ़ने से जल में शैवाल की वृद्धि होती है, शैवाल के मरने पर यह बैक्टीरिया द्वारा सरता है। इस सरण प्रक्रिया में जल में घुले ऑक्सीजन का उपयोग होता है जिससे जल में घुले ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है सरन प्रक्रिया में कार्बनिक पदार्थ को ऑक्सीकृत करने में लगे ऑक्सीजन की मात्रा को बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड कहते हैं जल में ऑक्सीजन की मात्रा घटने से जीव जंतुओं की मृत्यु हो जाती है।
2.👉 नगरीय क्षेत्र से सीवेज भारी मात्रा में कूड़ा कचरा नगरों में उपस्थित कारखाने के गंदे जल की नालियां से जल का प्रदूषण होता है। प्रदूषण जल के सेवन से हैजा, पीलिया, टायफायद आदि रोग होते है।
3.👉 विभिन्न कारखानों से निकलने वाले रासायनिक प्रदूषण तथा कई प्रकार के धात्विक पदार्थ जैसे सीसा और मरकरी आदि नदिया,झीलों एवं तटीय सागर के जल को प्रदूषित करते हैं जल में उपस्थित सीसा तथा मरकरी एंजाइम से अभिक्रिया कर एंजाइम की कार्य क्षमता को कम करता है, जिससे कई बीमारियां उत्पन्न होती है सीसा तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है।
4.👉 समुद्र में खनिज तेल के उत्पादन से, पहले खुदाई से एवं अन्य विभिन्न दुर्घटनाओं से जल में तेल का फैलाव बढ़ जा रहा है,जिससे अधिकांश समुद्री जीव मर जाते हैं।
5.👉 आणविक एवं नाभिकीय ऊर्जा के प्रयोग से रेडियोसंक्रिया पदार्थ जल को प्रदूषित कर देते है।