1. सूर्य के ताप का प्रभाव 👉 दिन में सूर्य पत्थर को गर्म करता है जिससे वह प्रसारित हो जाते हैं रात के समय पत्थर ठंडा हो जाने से संकुचित हो जाते हैं पत्थर का प्रत्येक भाग असमान रूप से प्रसारित तथा संकुचित होता है जिससे पत्थर में दरारें आ जाती है और यह बड़े पत्थर टूट कर छोटे-छोटे कणों में विभाजित हो जाते हैं।
2. जल का प्रभाव 👉 जल दो प्रकार से मिट्टी का निर्माण करता है:-
1.👉 चूड़ी के ताप से बने पत्थरों की डरारे मैं जल समा जाता है और ठंडा होने के पश्चात यह जल पत्थर की दरारें में जम जाता है जल के जमने से आयतन में वृद्धि होता है जिसके फल स्वरुप दरार और अधिक चौड़ा हो जाता है और भूस्खल होता है।
2.👉 तेज गति से बहता हुआ जल अपने साथ बड़े और छोटे पत्थरों को बहा कर ले जाता है ।यह पत्थर दूसरे पत्थरों के साथ टकराकर छोटे-छोटे कणों में टूट जाते हैं।इन कणों को जल अपने साथ बहा ले जाता है और दूसरे स्थान पर छोड़ देता है।