1. इस सिद्धांत की सहायता से रासायनिक संयोग के नियमों की व्याख्या की जा सकता है
2. सर्वप्रथम डाल्टन ने ही तत्व के अंतिम कण और यौगिक के अंतिम कण में विभेद किया यौगिक के अंतिम कण आगे चलकर अणु कहलाया।
3. इस सिद्धांत की सहायता से रसायन शास्त्र को विकसित करने में काफी सहूलियत हुई है।