प्रोकैरियोटिक
(i) यह आद्य कोशिका है। इसका आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) होता है। (ii) इसमें वास्तविक केंद्रक अनुपस्थित होती है। (iii) यह केवल जीवाणुओं (Bacteria) एवं सायनोबैक्टीरिया में मौजूद रहता है। (iv) इसमें केंद्रिका (Nucleolus) नहीं पाया जाता है। (v) इसमें केवल एक क्रोमोसोम पाया जाता है। (vi) इसमें गॉल्जीकाय, माइटोकॉण्ड्यिा, अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (endoplasmic recticu- lum) नहीं पाये जाते हैं। (vii) इसमें क्लोरोप्लास्ट (chloroplast) नहीं पाया जाता है। (viii) इसमें कोशिका विभाजन विखण्डन (Fission) या मुकुलन (Budding) द्वारा होता है।
यूकैरियोटिक
1, यह विकसित कोशिका है। इसका आकार प्रायः बड़ा (5-100µm) होता है। 2, इसमें वास्तविक केंद्रक उपस्थित होती है।
3,यह सभी पादपों और जंतुओं में मौजूद रहता है।
4,इसमें केंद्रिका पाया जाता है।
5,इसमें अनेक क्रोमोसोम पाया जाता है।
6,इसमें गॉल्जीकाय, माइटोकॉण्ड्रिया, अन्तः प्रद्रव्यी जालिका पाये जाते हैं।
7,इसमें क्लोरोप्लास्ट पादप कोशिकाओं में पाया जाता है।
8,इसमें कोशिका विभाजन माइटोसिस या मिऑसिस (mitosis or meiosis) द्वारा होता है।