फसल चक्रण
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फसल चक्रण

 उत्तर👉 किसी विशेष फसल के लिए कुछ विशेष पोषक तत्व आवश्यक होते हैं यदि एक ही फसल को बार-बार एक ही मिट्टी में बोया जाए तो उसे मिट्टी में उन पोषक तत्वों की कमी हो जाती है इस स्थिति से बचने के लिए फसल चक्रण प्रणाली को अपनाया जाता है इस प्रणाली में एक ही कृषि भूमि पर बादल बदलकर विभिन्न फसलों को बारी-बारी से बोया जाता है उदाहरण के लिए लगातार धन यूपी जाने से मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी हो जाती है मिट्टी की उड़ता पुनः कायम करने के लिए उसमें धान की दो फैसले के बीच एक बार दलहन की फसल उगानी चाहिए दलहन पौधे जैसे मटर चना उड़द आदि फलीदार होते हैं हमें ज्ञात है कि फलीदार पौधों की जड़ की गाठो में राइजोबियम नामक बैक्टीरिया पाए जाते हैं यह बैक्टीरिया वायुमंडल नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलकर मिट्टी में स्थापित करते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति पुनः स्थापित हो जाती है।

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