उत्तर⇒ तत्वों की संयोजकता उनके परमाणु बह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करती है। अक्रिय गैसों को छोड़कर सभी तत्व ऑन के परमाणुओं के बाह्यतम कक्षा में 1 से लेकर 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं जिन्हें संयोजी इलेक्ट्रॉन कहते हैं अक्रिय गैसों के परमाणु के बाहरी कक्ष में 8 इलेक्ट्रॉन तथा हीलियम के सबसे बाहरी कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं अक्रिय गैसों अभिक्रिया में भाग नहीं लेती। उनकी संयोजन शक्तियां संयोजकता सनी, क्योंकि उनके परमाणु की बाहरी कक्ष में इलेक्ट्रॉन पूर्ण रूप से भरे होते हैं। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास स्थायी होता है जिन तत्वों के परमाणुओ के बाहर कक्षा में 1 से लेकर 7 इलेक्ट्रॉन रहते हैं वे अपने निकटस्त अक्रिय गैस जैसे इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नांकित तीन प्रकार से प्राप्त करते हैं:-
1. किसी दूसरे परमाणु को अपना एक या अधिक इलेक्ट्रोनिक का त्याग करके,
2. किसी दूसरे परमाणु से एक या अधिक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके,
3. किसी दूसरे परमाणु के साथ एक या अधिक इलेक्ट्रोनिक का साझा करके।
अतः किसी तत्व का परमाणु जितने इलेक्ट्रोनिक का त्याग ग्रहण या साझा करता है उतना ही उसे तत्व की संयोजकता होती है वैसे तत्वों के परमाणु जिनकी बाहरी कक्ष में 1, 2, 3इलेक्ट्रॉन होते हैं तो उनमें इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की अपेक्षा इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है सोडियम परमाणु संख्या 11 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 होता है, अतः सोडियम एक इलेक्ट्रॉन को त्याग करके अक्रिय गैस नियम 2,8 जैसा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करता है