उत्तर👉 हीलियम परमाणु में दो प्रोटॉन और दो इलेक्ट्रॉन होते हैं इस आधार पर हीलियम परमाणु का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान का 2 गुण होना चाहिए किंतु हीलियम परमाणु का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान से चार गुना अधिक होता है इस संबंध में पाया गया कि हाइड्रोजन को छोड़कर अन्य सभी तत्वों के परमाणु का द्रव्यमान परमाणु में उपस्थित प्रोटॉन के कुल द्रव्यमान से कम से कम दो गुना होता है इससे रदरफोर्ड ने यह निष्कर्ष निकला कि परमाणु में अवश्य ही कोई उदासीन आवेशहीन कण विघमान होना चाहिए जिसका द्रव्यमान प्रोटॉन के लिए द्रव्यमान के लगभग बराबर हो 1932 में सर जेम्स चैडविक ने बेरिलियम धातु पर a- कानों से आघात कराकर इन उदासीन कोणों का पता लगाया। इन कणों की वैघुत उदासीनता के कारण इनका नाम न्यूट्रॉन रखा गया इसका द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है।