संधनन

Satyam yadav
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उत्तर👉 दिन के समय नदी तालाब झील एवं समुद्र का जल सूर्य की गर्मी से वस्तु बनता है सूर्य की गर्मी से वायु भी गर्म हो जाती है गम वायु अपने साथ जलवाष्प को ऊपर की ओर ले जाती है जैसे ही वायु ऊपर की ओर जाती है यह फैलती है तथा ठंडी हो जाती है ठंडा होने से वायु में उपस्थित जलवाष्प संगीत होकर जल की बूंदे बनती है यह संघनन आसानी से तब होता है जब वायु में उपस्थित धूल कण नाभिक की तरह कार्य करके अपने चारों ओर बूंद को एकत्रित होने देते हैं जब यह बंदे बड़ी और भारी हो जाती है तब यह वर्ष के रूप में नीचे की ओर गिरती है कभी-कभी जब वायु का ताप काफी कम हो जाता है तब यह हिमवृष्टि अथवा ऑल के रूप में अवक्षेष्पित हो जाती है।

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