1823 के अनुज्ञप्ति नियम (The Licencing Regulation of 1823):
1823 में जान एडम्स गवर्नर जनरल बनते ही अपने प्रतिक्रियावादी विचारों को इस अधिनियम में व्यक्त किया। इसके अनुसार-मुद्रणालय स्थापित करने के लिए अनुज्ञप्ति लेनी आवश्यक थी। बिना अनुज्ञप्ति 400 रुपये का दण्ड अथवा कारावास की सजा का प्रावधान था। दण्ड नायक बिना अनुमति मुद्रणालय जब्त कर सकता था। गवर्नर जनरल को अनुज्ञप्ति रद्द करने का भी अधिकार था। इस नियम के आलोक में राजा राममोहन राय के मिरात-उल-अखबार को बन्द होना पड़ा तथा जे० एस० वकिंघम को इंग्लैंड में उद्वासित होना पड़ा।