1951 का समाचार प (आपत्तिजनक विषय) अधिनियम (The Press objectionable Matters Act 1951):
उत्तर :– 1951 में सरकार को संविधान के अनुच्छेद 19 (2)में संशोधन और समाचार पत्र अधिनियम पारित करने की आवश्यकता पड़ी। इसके माध्यम से अब तक के सभी अधिनियमों को रद्द कर दिया गया। नए कानून के माध्यम से सरकार मुद्रणालय को आपत्तिजनक विषय प्रकाशित करने पर जब्त कर सकती थी। प्रकाशकों को जूरी द्वारा परीक्षा मांगने का अधिकार दे दिया गया। यह अधिनियम 1956 तक लागू रहा।
कई पत्रकार संगठनों द्वारा इसका विरोध करने पर सरकार ने न्यायाधीश जी०एस० राजाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक प्रेस कमीशन नियुक्त किया। इसने 1954 में अखिल भारतीय समाचार पत्र परिषद् के गठन सहित कई सुझाव दिए जो सरकार द्वार मान लिए गए।