मजदूरों की दयनीय स्थिति :
उत्तर:– रूस में मजदूरों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उन्हें अधिक काम करना पड़ता था परन्तु उनकी मजदूरी काफी कम थी। उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। अतः वे अपनी स्थिति से संतुष्ट नहीं थे। मजदूरों को कोई राजनैतिक अधिकार नहीं थे। अपनी मांगों को समर्थन में वे हड़ताल भी नहीं कर सकते थे। मार्क्स के ये शब्द कि 'मजदूरों के पास सिवाय अपनी बेड़ियों के खोने के लिए कुछ भी नहीं है; उनकी दशा का सही चित्रण करता है।'