जार की निरंकुशता एवं अयोग्य शासन :
1917 से पूर्व रूस में रोमनोव-राजवंश का शासन था। इस समय रूस के सम्राट को 'जार' कहा जाता था। रूस में एक कठोर राजनीतिक संरचना स्थापित थी। 19 वीं सदी के मध्य तक यूरोप की राजनीतिक संरचना परिवर्तित हो चुकी थी तथा राजतंत्र की शक्ति सीमित की जा चुकी थी। परंतु रूसी राजतंत्र अपना विशेषाधिकार छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। जार निकोलस II, जिसके शासनकाल में क्रांति हुई, राजा के दैवी अधिकारों में विश्वास रखता था। उसे आम लोगों की सुख-दुख की कतई चिंता नहीं थी। जार ने जो अफसरशाही बनायी थी वह अस्थिर, जड़ और अकुशल थी। नियुक्ति का आधार योग्यता नहीं थी। अतः गलत सलाहकारों के कारण जार की स्वेच्छाचारिता बढ़ती गई और जनता की स्थिति बद से बदतर होती गई।