कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें।
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कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें।

 कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें।

उत्तर- जनन की वह प्रक्रिया जिसमें पादप शरीर का कोई कायिक या वधी भाग जैसे– जड़ तना, पत्ती आदि परिवर्तित।  या विलग होकर नये पौधे का निर्माण करते हैं उसे कायिक प्रवर्धन कहते हैं। इसके द्वारा बनने वाले पौधे अपने जनक के अनुरूप होते हैं। कायिक प्रवर्धन सामान्यतः आर्किड, अंगूर, गुलाब एवं सजावटी पौधे में होता है। कायिक प्रवर्धन प्राकृतिक एवं कृत्रिम दोनों तरीके से होता है, ये प्रवर्धन जड़, तने एवं पत्तियों से होते हैं।

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