उत्तर:- वह क्रम जिसमें सभी प्रतिरोधी के एक ओर के सिरे एक बिंदु तथा दूसरी ओर के सभी सिरे दूसरे बंदु पर जुडे होतें हैं, इस प्रकार के संयोजन को समांतर क्रम संयोजन कहते हैं। मान लें यदि तीन चालक जिनके प्रतिरोध क्रमशः R1, R2, R3 हों, को समांतर क्रम में जोड़ा जाए तो उनका कुल प्रतिरोध R निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है-
1/R = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3
अर्थात प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ने से उनका परिणामी प्रतिरोध विभिन्न प्रतिरोधों के विपरीत क्रम के जोड़ के बराबर होता है। प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ने से किसी भी चालक में विद्यत धारा स्वतंत्रतापवक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।