1. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें।
उत्तर-गैरीबाल्डी ने अपने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना बनायी। उसने अपने सैनिकों को लेकर इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण किए। इन रियासतों की अधिकांश जनता बूर्बो राजवंश के निरंकुश शासन से तंग होकर गैरीबाल्डी की समर्थक बन गयी। गैरीबाल्डी ने यहाँ गणतंत्र की स्थापना की तथा विक्टर इमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ की सत्ता संभाली। दक्षिणी इटली के जीते गए क्षेत्रों(स्थानों) को बिना किसी संधि के गैरीबाल्डी ने विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया। वह अपनी सारी सम्पत्ति राष्ट्र को समर्पित कर साधारण किसान की भाँति जीवन जीने की ओर अग्रसर हुआ। इटली के एकीकरण में गैरीबाल्डी का महत्त्वपूर्ण योगदान था ।
2. क्रांति से पूर्व रूसी किसानों की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर-रूस में जनसंख्या का बहुसंख्यक भाग कृषक थे, जिनकी स्थिति अत्यन्त दयनीय थी। 1861 ई० में जार अलेक्जेंडर द्वितीय के द्वारा कृषि दासता समाप्त कर दी गई थी परंतु इससे किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ था। उनके खेत बहुत छोटे-छोटे थे जिनपर वे परम्परागत ढंग से खेती करते थे। उनके पास पूँजी की कमी थी तथा करों के बोझ से वे दबे थे। ऐसे में किसानों के पास क्रांति के सिवा कोई चारा नहीं था।
3. जतरा भगत के बारे में आप क्या जानते हैं ? संक्षेप में बताएँ ।
उत्तर-अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों (छोटानागपुर क्षेत्र के उराँव) ने 1914 ई० से 1918 ई० के बीच विद्रोह किया जिसका नेता जतरा भगत था । इस आंदोलन में सामाजिक एवं शैक्षणिक सुधार पर विशेष बल दिया गया, जिसमें परमेश्वरवाद पर बल तथा मांस, मदिरा और आदिवासी नृत्यों से दूर रहने की बात कही गई।