वियना कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर-1815 ई० में नेपोलियन की पराजय के बाद आस्ट्रिया की राजधानी वियना में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें विजयी राष्ट्रों-ब्रिटेन, रूस, प्रशा और आस्ट्रिया के प्रतिनिधियों ने मुख्य रूप से भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य नेपोलियन द्वारा यूरोपीय राजनीतिक व्यवस्था में लाये गये परिवर्तनों को समाप्त कर उसकी पुनर्स्थापना करना था ।
वियना सम्मेलन की अध्यक्षता आस्ट्रिया के प्रतिक्रियावादी चांसलर मेटरनिख ने की। वियना की संधि द्वारा यूरोप के राजनीतिक मानचित्र में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किया गया। यूरोपीय कन्सर्ट की भी स्थापना की गई। मेटरनिख व्यवस्था के अनुसार, यूरोप में पुरातन व्यवस्था पुनः स्थापित की गई।
शीत युद्ध का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।.
उत्तर- शीतयुद्ध की व्याख्या प्रायः यह की जाती है कि यह दो विरोधी विचारधाराओं तथा सामाजिक व्यवस्थाओं के बीच संघर्ष है। इसमें दोनों पक्ष परस्पर शांतिकालीन राजनयिक संबंध बनाए रखते हुए भी शत्रुता की भावना रखते हैं और सशस्त्र युद्ध के अतिरिक्त अन्य सभी उपायों द्वारा एक-दूसरे को कमजोर बनाने का प्रयत्न करते हैं। अतः संक्षेप में हम कह सकते हैं कि शीतयुद्ध युद्ध न होते हुए भी युद्ध जैसी परिस्थितियों को बनाए रखने की एक ऐसी कला है जिसमें प्रत्येक विषय पर गुटीय स्वार्थों को ध्यान में रखकर कार्य किया जाता है। यह शस्त्रों से लड़ा जानेवाला युद्ध न होकर एक प्रकार का वाक्युद्ध है।
विश्व राजनीति में 1945 ई० से अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा शुरू हुआ शीत युद्ध 1991 ई० में सोवियत रूस के विघटन के साथ समाप्त हुआ ।
साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ था ?
उत्तर-भारत में संवैधानिक सुधार के मुद्दे पर विचार करने हेतु 1919 के भारत अधिनियम में यह व्यवस्था की गई कि 10 वर्ष के बाद आयोग नियुक्त किया जाएगा। यह आयोग अधिनियम में परिवर्तन पर विचार करेगा। सर जॉन साइमन के नेतृत्व में 1927 को साइमन कमीशन बना। जिस सात सदस्यीय आयोग का गठन किया गया उसमें एक भी भारतीय नहीं था। भारत के स्वशासन के संबंध में निर्णय विदेशियों द्वारा किया जाना था । फलतः 3 फरवरी 1928 को बम्बई पहुँचने पर साइमन कमीशन का पूरे भारत में विरोध हुआ और जनता पुनः संघर्ष के लिए तैयार हो गई ।
उपनिवेशवाद से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-उपनिवेशवाद एक ऐसी राजनीतिक आर्थिक प्रणाली थी जो प्रत्यक्ष रूप से एशिया और अविकसित अफ्रीकी तथा दक्षिण अमेरिका में यूरोपीय देशों द्वारा तैयार किया गया। इसका एक मात्र उद्देश्य था इन देशों का आर्थिक शोषण करना। ये देश कच्चे माल के प्रमुख स्त्रोत व महत्त्वपूर्ण बाजार थे ।
न्यू डील क्या है ?
उत्तर-न्यू-डील-जनकल्याण की एक बड़ी योजना से संबंधित नई नीति जिसमें आर्थिक क्षेत्र के अलावा राजनीतिक और प्रशासनिक नीतियों को भी नियमित किया गया। इसके प्रवर्तक अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट थे, जिसने विश्वव्यापी मंदी से लड़ने के लिए अमेरिका में इसे लागू किया था।
होआ-होआ आंदोलन की विवेचना करें।
उत्तर-जेनेवा समझौते के बाद दक्षिण वियतनाम में गृह कलह की स्थिति बन गई । इसमें एक धार्मिक वर्ग होआ-होआ द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलन की मुख्य भूमिका थी। होआ-होआ आन्दोलन के काफी आक्रामक हो जाने पर न्यो दिन्ह दियम ने बड़ी क्रूरतापूर्वक इसे दबाया ।