पतोहू बालगोबिन भगत को छोड़कर जाना क्यों नहीं चाहती
उत्तर- बेटा के श्राद्ध-कर्म करने के बाद पतोहु के भाई को बुलाकर साथ कर दिया और आदेश देते हुए कहा, इसकी दूसरी शादी कर देना। पतोहु जो अत्यन्त सुशील थी, रो-रोकर कहती रही- मैं चली जाऊँगी तो बुढ़ापे में आपको खाना कौन बनायेगा। बीमार पड़ने पर पानी कौन देगा। लेकिन बालगोबिन का निर्णय अटल था उसने कहा- "तू चली जा, नहीं तो मैं इस घर वे चला जाऊँगा।" बेचारी चली जाती है।
हुंडरू का झरना कहाँ है तथा इसकी क्या विशेषता है ?
उत्तर-हुंडरू झारखण्ड राज्य के छोटा नागपुर जिले में पड़ता है। राँची से 27 मील की दूरी पर स्थित है-हुंडरू का जलप्रपात। अत्यन्त सुन्दर, मनमोहक यह जलप्रपात है। उसका यात्रा मार्ग भी सुन्दर एवं मनमोहक है। पहाड़, जंगल, घाटियाँ, नदियों को पार कर हुंडरू के जलप्रपात तक पहुँचा जाता है। आदिवासियों का गीत, पशु-पक्षियों की आवाज से यात्रा आनन्ददायक हो जाता है। हरियाली सम्पन्न वह प्रदेश जादू की तरह मन को मोह लेता है।
बिहारी के द्रोहे के अनुसार गुण नाम से बड़ा होता है। कैसे ? उत्तर-नाम से कोई गुणवान नहीं होता। जैसे-धतूरे को भी कनक कहा जाता है लेकिन उससे गहना नहीं बन सकता है।
'ठेस' कहानी में आये विभिन्न पात्रों के नाम लिखिए ?
-इस कहानी के नायक सिरचन के साथ-साथ रेणु जी, रेणु जी उत्तर की माँ, चाची, मँझली भाभी, मानू दीदी इत्यादि पात्र हैं।
पद्मा अशोक से बदला लेने का अच्छा अवसर था, तब भी उसने अशोक को जीवित क्यों छोड़ दिया ?
उत्तर-पद्मा के सामने सम्राट अशोक नतमस्तक थे। वे शस्त्र का त्याग कर चुके थे तथा प्रण कर लिए कि आगे कभी युद्ध नहीं करूँगा। वीर सैनिक कभी भी निहत्थों पर वार नहीं करते इसीलिए पद्मा अवसर पाकर भी अशोक से बदला नहीं लेकर जीवित छोड़ दिया।'
कानपुर के नाना की मुँहबोली बहन 'छबीली' थी, यहाँ छबीली किसे कहा गया है ?
उत्तर-यहाँ छबीली लक्ष्मीबाई को कहा गया है।
'खेमा' शीर्षक कहानी में जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथ ले जाकर पड़ाना चाहते हैं तब उसकी आँखें क्यों भर आई ?
उत्तर-जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथ ले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आँखें भर आई क्योंकि उसके मन में अपने संतान के प्रति अनुराग जाग गया। हरेक पिता का अरमान होता है कि वह पढ़-लिखकर कुछ करेगा। बड़ा आदमी बनेगा। लेकिन वह तो अपने अरमानों का गला घोट चुका था। वह खेमा को चन्द रुपये में बेच दिया था। इसी कारण से खेमा के पिता के आँखों में पानी भर गया।
'झांसी की रानी' शीर्षक कविता में "हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में" इस पंक्ति में 'वीरता' और वैभव का संकेत किस-किस की ओर है ?
उत्तर-वीरता का संकेत वीर शिरोमणि लक्ष्मीबाई की ओर तथा "वैभव" का संकेत झाँसी के महाराज की ओर है।